क्यूंकि बाबा बाबा हैं
मन तो वर्षों पहले बना लिया था, पर आज दिमाग़ में ये खयाल एक उपाय के रूप में आया है.. उपाय उस समस्या का जिससे मैं ,मुझसे जुड़े लोग कहीं ना कहीं हर समय जूझ रहे हैं, "रोज़गार" जी हां.. एंटरप्रिन्योर बनना आज के ट्रेंडिंग कल्चर से खासा मेल खाता नज़र आता है, और इंजिनियर तो हूं ही तो बस अपना स्टार्टअप शुरू करना तो जैसे रगों में दौड़ता ही रहता है, पर इस आईडिया को मैं स्टार्टअप नहीं बल्कि परंपरा कहूंगी, जी हां मेरे दिमाग में ये खुराफात चल रही है के मैं एक बाबा बनाने का कोर्स शुरू करूं ट्रेनिंग दूं अपने दोस्तों के सााथ मिलकर, योग्य लोगों को खासतौर पर लड़कियों को, क्यूंकि जैसे बेटियां हर दिशा में अपना नाम रौशन कर रही हैं कभी कभी चिंता होती है, के बाबा वाले प्रोफेशन में इनकी गिनती कहीं कम ना रह जाए, यहां उनके हिस्सेदारी बराबर रखने कोई आरक्षण भी नहीं है..!! बाबा होना वैसे तो कोई आसान काम नहीं है, हर स्ट्रीम की तरह पहले जूझना यहां भी पड़ेगा, ऐसा नहीं होगा के बच्चे यहां से ट्रेनिंग लेकर निकले और नोट छापने लगे, पर हां नौकरी मिल जाएगी इसकी पूरी गारंटी ली जा सकती हैं, क्यूंकि तथाकथ...